ध्यान : शुन्य में विराट की अनुभूति
सभुति की एक प्रसिध्द कथा है। वह वृक्ष के टेल शुन्य अवस्था में बैठा उया था। अकस्मात् उसने चकित होकर देखा कि चारों तरफ आकाश से उसके ऊपर फूल बरस रह थे। देवताओं ने प्रकट होकर कहा कि 'चकित मत होओ। तुमने आज हमें शून्यता पर सबसे बड़ा प्रवचन दिया है। हम सब उसी का उस्तव मन रहे है और तुम्हारे सम्मान में तुम्हारे ऊपर फूल बरसा रहे है।' सभुति ने कहा कि मगर मै तो कुछ बोला ही नही। देवताओं ने उत्तर दिया कि ' हाँ ! यह सत्य है कि न तुमने कुछ बोला और न हमने कुछ सुना - यही तो है शून्यता पर दिया गया सबसे बड़ा प्रवचन ................ । '
विश्व मंगल दिवस ..... २००५
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