toolbar

Powered by Conduit

adsense code

8/25/2020

विचार ही जीवन

  • विचार ही जीवन की शक्ति हे , जीवन विचारों का खेल हे , जीवन में पवित्र विचारों को अपनाने की कोशिश करो ! दूशित विचार -शक्ति को पवित्र बनाओ ! जिससे दुर्जन , सज्जन बन जाएं , सज्जनता के विचार दुनिया में फैलें और दुष्टता मिट जाए !
  • धर्मदूत दिसम्बर २००८

3/01/2020

परमात्मा के

परमात्मा के निकट पहुँचती है सरलता। वहां केवल सरलता ही पहुँचती है व नियम से बँधा हुआ हमारा जीवन्।

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

1/06/2020

ज्यादा बोलकर,

ज्यादा बोलकर, कड़वा बोलकर अनिष्ट करने से अच्छा है मौन रहना।


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

4/04/2019

अंधा वह नहीं जिसके आँखें

अंधा वह नहीं जिसके आँखें नहीं होती ,अंधा वह हे जो अपने दोषौं को ढंकता है !
पूज्य श्री सुधांशुजी महाराज  

11/30/2018

चार गुण बहुत


  • चार गुण बहुत दुर्लभ हैं , धन में पवित्रता , दान में विनय , वीरता में दया और अधिकार में निराभिमानता !

  • पूज्य सुधांशुजी महाराज्

10/30/2018

अपने आपको



अपने आपको संभालना सब से बडी कला हे !
पूज्य सुधांशुजी महाराज   

10/28/2018

दुःखी रहना भी एक

दुःखी रहना भी एक आदत है। हँसते मुस्कराते रहना भी एक आदत है। यदि आदत बनानी है तो हँसते मुस्कराते रहने की बनाओ। 

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज