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6/22/2008

मनुष्य सर्वत्र एक है.

मनुष्य सर्वत्र एक है।

उसके सुख - दुख को समज़ना ही ईश्वर को समज़ना है। यही है हमारी अध्यात्मिक संस्कृति का तकाजा।

डॉ केशव राव मुसलगावकर

In Vishwa Managal Divas Issue of 2005 by Vishwa Jagriti Mission

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