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8/31/2015

Fwd: [GURUVANNI] नियम


Subject: [GURUVANNI] नियम





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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUVANNI at 8/31/2015 04:48:00 PM

Fwd: [GURUVANNI] नियम


Subject: [GURUVANNI] नियम





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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUVANNI at 8/31/2015 04:48:00 PM

8/30/2015

Fwd: [GURUVANNI] अनचाहे


---------- Forwarded message ----------

अनचाहे




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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUVANNI at 8/30/2015 12:38:00 PM

8/29/2015

Fwd: [GURUVANNI] भगवान गति


---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: Sat, Aug 29, 2015 at 9:32 AM
Subject: [GURUVANNI] भगवान गति
To: mggarga@gmail.com


भगवान गति




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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUVANNI at 8/29/2015 09:32:00 AM

Fwd: [GURUVANNI] भगवान गति


---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: Sat, Aug 29, 2015 at 9:32 AM
Subject: [GURUVANNI] भगवान गति
To: mggarga@gmail.com


भगवान गति




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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUVANNI at 8/29/2015 09:32:00 AM

8/28/2015

Fwd: [GURUVANNI] मनुष्य की


मनुष्य की 



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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUVANNI at 8/28/2015 10:22:00 AM

8/27/2015

Fwd: [GURUVANNI] दया चाहते


दया चाहते 




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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUVANNI at 8/27/2015 10:57:00 AM

8/26/2015

Fwd: [GURUVANNI] "मनुष्य के जीवन


"मनुष्य के जीवन



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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUVANNI at 8/26/2015 10:30:00 AM

8/25/2015

Fwd: [GURUVANNI] जैसे कूढ़े पर


 [GURUVANNI] जैसे कूढ़े पर





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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUVANNI at 8/25/2015 10:40:00 AM

8/24/2015

बोध कथाएँ





बोध कथाएँ
"वर्त्तमान पुस्तक "बोध कथाएँ कल्याण  (मुंबई ) के श्री मदन गोपाल गर्ग  द्वारा पूजयश्री के प्रवचनों से ली गयी कहानियाँ  है "
परमपूज्यश्री सुधांशुजी महाराज


प्रथम संस्करण : श्रद्धा पर्व २००९

प्रतियाँ :११००

मूल्य :६0  रुपये

सम्पादन :डा:नरेंद्र मदान

8/23/2015

शिव का नाम




  • शिव का नाम लिए जा प्यारे ,
  • तेरे सारे कष्ट कटेंगे ,
  • तेरी इच्छा पूरी होगी ,
  • और प्रभू के दर्शन होंगे ,
  • तेरी अंखिया तृप्त होंगी ,
  • और मन आनन्दविभोर होगा ,
  • कहे मदन गोपाल भाई मेरे ,
  • शिव नाम मैं शक्ति है इतनी ,
  • कर देगा तुझ को ,
  • भावः सागर पार !

Fwd: [ADHYATMIK] Fwd: [mggaajkasandeshh] आपके पास जो


आपके पास जो



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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to mggaajkasandeshh at 8/23/2015 10:29:00 AM



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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to ADHYATMIK at 8/23/2015 10:32:00 AM

Fwd: [mggaajkasandeshh] आपके पास जो



आपके पास जो



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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to mggaajkasandeshh at 8/23/2015 10:29:00 AM

8/22/2015

Fwd: [aajkasandeshh] इतने भावुक


इतने भावुक




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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to aajkasandeshh at 8/22/2015 10:24:00 AM

8/21/2015

Fwd: [GURUMUKHSE] इतने एडजस्टमेंट


इतने एडजस्टमेंट 




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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUMUKHSE at 8/21/2015 10:22:00 AM

8/20/2015

Fwd: [GURUMUKHSE] आत्मा


आत्मा 





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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to GURUMUKHSE at 8/20/2015 01:16:00 PM

8/19/2015

Fwd: [Vishwa Jagriti Mission Mandal] Fwd: [www.mgg.santvani] कर्म


कर्म 




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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to www.mgg.santvani at 8/19/2015 11:18:00 AM



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Posted By Madan Gopal Garga to Vishwa Jagriti Mission Mandal at 8/18/2015 10:52:00 PM

Fwd: [www.mgg.santvani] कर्म



कर्म 




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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to www.mgg.santvani at 8/19/2015 11:18:00 AM

8/18/2015

Fwd: [www.mgg.santvani] मुस्करासाके


मुस्करासाके 





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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to www.mgg.santvani at 8/18/2015 10:46:00 AM

8/17/2015

Fwd: [prayer - prathana] Fwd: [Ichchaa Purti Mandir started by mggarga on20/10/2008] यह जरूरी नहीं



यह जरूरी नहीं 









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Posted By Madan Gopal Garga to prayer - prathana at 8/17/2015 10:22:00 AM

Fwd: [Ichchaa Purti Mandir started by mggarga on20/10/2008] यह जरूरी नहीं



यह जरूरी नहीं 





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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to Ichchaa Purti Mandir started by mggarga on20/10/2008 at 8/17/2015 10:19:00 AM

8/16/2015

आजका गुरु मंत्र

आजका गुरु मंत्र 



परम पूज्य सुधांशुजी महारा


शांति की  इच्छा से शांति नहीं आती !

इच्छा की  शांति से शांति  आती है !

8/15/2015

Ashta Lakshmi

 
The Eightfold Prosperity has been represented by Vedic Symbolism as the Ashta Lakshmi
They are
1) The Originial Prosperity ( Adi Lakshmi ). This is the Original Lakshmi or Mahalakshmi, the Great Lakshmi. She gives protection to the devotee and sits with Abhaya Mudra ( protection gesture ) and Varada Mudra ( welcome gesture).
2) Wealth as Prosperity  ( Dhana Lakshmi ). She is the bestower of Wealth.
3) Dhanya Lakshmi - Agricultural Prosperity. She is the giver of Agricultural Wealth.
4) Gaja Lakshmi - The Giver of Royal Power. Mythologically, She is the goddess who brought  back the wealth lost by the King of Heaven, Indra
5) The Santana Lakshmi or Progeny Lakshmi. She is the giver of offspring. Isnt the fortune of having children a great Prosperity ?  The son is he who saves the parents from Hell ( poothi thranat tatha putrah ).
6) Dhairya Lakshmi - Guts as Prosperity. She is the greatest Lakshmi ! Without guts a man is nothing ! She is the giver of guts !
7) Vijaya Lakshmi - The Victorious Prosperity or rather the bestower of Victory !
8) Vidya Lakshmi -  Isnt Education or Wisdom prosperity ? She is the bestower of the knowledge of all arts and sciences.
Veracity, Equanimity, Fixity, Non-irritability, Adaptability Humility, Regularity, Absence of Vanity, Sincerity, Simplicity, Tenacity, Integrity, Nobility, Magnanimity, Charity, Purity,  Generosity &  Serenity- the eighteen "ities" associated with Wisdom. These 18 ities can confer Self Actualisation.
The Octagram - Emblem of Ashta Lakshmi
The Octagram is the Emblem of the Eightfold Prosperity. Two rectangles !

8/13/2015

भगवान्


  • भगवान् रक्षक हे सहायक हे तो सहांरकारक भी हे !

Asatoma Sadgamaya

Asatoma Sadgamaya
Thamaso Maa Jyothir Gamaya
Mrithyor Maa Amrutham Gamaya
Aum Shanti Shanti Shantihi 

                             -- Vedic Chant

(Meaning: Lead me from the unreal to the real. Lead me from darkness to light. Lead me from death to immortality. May there be peace everywhere)

8/12/2015

Fwd: [www.mgg.santvani] prathnikta


---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: Wed, Aug 12, 2015 at 11:24 AM
Subject: [www.mgg.santvani] prathnikta
To: mggarga@gmail.com





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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to www.mgg.santvani at 8/12/2015 11:24:00 AM

8/11/2015

जब देखो कि प्रभात



"जब देखो कि प्रभात आया है, पंछी  पेड़ों पर चहचहाने लगे हैं फूलों की सुगन्ध बहने लगी है, ठंडी-ठंडी हवा चलने लगी है तो सोचना कि भगवान की तरफ से, भक्ति करने का सदेश आया है। हर सुबह की शुरुआत उसके भजन से, उसके पूजन से करो।"

जब देखो कि प्रभात



"जब देखो कि प्रभात आया है, पंछी  पेड़ों पर चहचहाने लगे हैं फूलों की सुगन्ध बहने लगी है, ठंडी-ठंडी हवा चलने लगी है तो सोचना कि भगवान की तरफ से, भक्ति करने का सदेश आया है। हर सुबह की शुरुआत उसके भजन से, उसके पूजन से करो।"

8/10/2015

याद रखीऐ


  • याद रखीऐ जब तक आप ठीक नीद नहीं लेंगे ,हँसेंगे नहीं ऑक्सीजन की मात्रा पूरी नहीं लेंगे आप शान्ति से नहीं रह सकते !

8/09/2015

Fwd: [www.mgg.santvani] brashtachar


---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga LM VJM <mggarga@gmail.com>
Date: Sun, Aug 9, 2015 at 4:43 PM
Subject: [www.mgg.santvani] brashtachar
To: mggarga@gmail.com





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Posted By Madan Gopal Garga LM VJM to www.mgg.santvani at 8/09/2015 04:43:00 PM

आत्मा का रूप


  • जो नश्वर हे वह शरीर हे , जो चीज मिटती हे वह चैतन्य नहीं हे !
  • जो मिटता नहीं हे वह चैतन्य हे !
  • आत्मा का रूप नहीं बदलता !
  • अनुभव करने वाला शरीर नही हे आत्मा है !
  • जड़ मिटने वाली चीज हे !
  • आत्मा एक ही जगह रहती हे और वहीं से सब कुछ अनुभव करती हे !
  • आत्मा का कोई आकार नही हे ,बाल के आगे का भाग लम्बाई चोडाई में बराबर उसके १०० हिस्से कर लो फिर एक हिस्से के १०० हिस्से कर लो इतनी छोटी है आत्मा !

8/06/2015

गंगा तट पर aik kahani





गंगा तट पर एक ऋषि का आश्रम थाजिसमें अनेक छात्र शिक्षा प्राप्त करते थे। जब शिष्यों की शिक्षा पूरी हो जाती और वे अपने घर वापस जाने लगते



तो ऋषि से पूछते कि गुरु दक्षिणा में क्या देंऋषि कहते कि तुमने जो पाया हैसमाज में जाकर उस पर अमल करो,अपने पैरों पर खड़े होसच्ची कमाई करो और फिर एक साल बाद तुम्हारा जो दिल चाहे वह दे जाना।

आश्रम छोड़कर जाने के बाद शिष्य अलग-अलग पेशेअपनाते। अपने पेशेअपने कामकाज से जिसे जो कमाईहोतीउसका कुछ हिस्सा वह श्रद्धापूर्वक ऋषि को दे दियाकरता था। एक बार आश्रम में एक अत्यंत सीधा-सादा शिष्य आया। वह साधारण गृहस्थ था। वह दिन भर मेहनत करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था लेकिन उसके अंदर कुछ सीखने की तीव्र इच्छा थी इसलिए वह आश्रम में चलाआया था। उसने अपने व्यवहार से सबका दिल जीत लिया। ऋषि उसे स्नेहपूर्वक पढ़ाया करते थे। जो कुछ उसे सिखाया जाताउस पर वह मनोयोग से अमल करता था।


जब उसकी शिक्षा पूरी हुई तो उसने भी पूछा, 'गुरु जी दक्षिणा में क्या दूं?' ऋषि ने उससे भी वही कहा जो वह और शिष्यों से कहा करते थे। वह चला गया और एक साल बाद लौटा। बोला, 'दक्षिणा देने आया हूं।ऋषि उसे देखकर बड़े खुश हुए,फिर उन्होंने पूछा, 'क्या लेकर आए हो बेटा?' उस शिष्य ने दस लोगों को खड़ा कर दियाजो उसके गांव के थे। उसने कहा, 'मैं गुरु दक्षिणा में ये दस नए शिष्य लाया हूं।ऋषि ने पूछा, 'किसलिए?' उसने कहा, 'जो शिक्षा आपने मुझे दी थी,मैंने उसे इन तक पहुंचाया। उतने से ही इनका जीवन संवर गया। अब आप इन सब को अपना शिष्य बना लें ताकि इतने लोग और आपके बताए रास्ते पर सही तरीके से चल सकें।'ऋषि ने प्रसन्न होकर कहा, 'तुमने मुझे अब तक की सबसे अच्छी गुरु दक्षिणा दी है।

8/05/2015

जैसे सांड या भेंसे

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परम पूज्य सुधांशुजी महारा
  • जैसे सांड या भेंसे को आप यह कहें कि इसको सींग मत मारना मगर इसको यह बात समझ में नहीं आती इसी तरह दुनिया सांड या भेंसे की तरह हे वह तो सींग मारेगी ही !

8/03/2015

जो हमको



  • जो हमको समझाता हे वह गुरु हे ,वह हमारे ह्रदय के गहराई तक जाकर समझाता हे !

8/02/2015

जिज्ञासु : गुरुदेव ! स्वयं को मूल्यवान बनाने








जिज्ञासु : गुरुदेव ! स्वयं को मूल्यवान बनाने और समाज के लिए स्वयं को उपयोगी बनाने के लिए हमें
क्या करना चाहिए ?

पुज्य गुरुदेव ! आप सबको परमात्मा ने यह जीवन दिया ! इसमें कलाओं का विकास होना चाहिये ! इस जीवन को कीमती बनायें और कीमती बनाने का तरीका क्या हो सकता हे ! प्राण उर्जा को आदमी ने अपनी ईर्ष्या मे ,रोग में,भोग में जलाया ! जबकी इसका उपयोग आत्म उत्थआन के लिए किया जाना चाहिए ! इसके बाद अगला सोपान आता हे मन की दुनिया का ! मानसिक रूप से हम अपने आपको प्रसन्न रखें , खिला हुआ रखें ! अपना बौद्धिक् विकास करें ! बुद्धि तेज हो , लेकिन प्रेम से और धर्म से जुडी हुई हो ! बिगडी हुई बुद्धी अपना भी विनाश करती हे और समाज का भी विनाश करती हे ! इसलिए बुद्धि को धर्म की शरण में लाना चाहिये !


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8/01/2015

जीवन के

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परम पूज्य सुधांशुजी महारा

जीवन के किसी दुःख या ठोकर से इंसान सबक ले ले तो वह ठोकर ठोकर नहीं होती। वह तो आपके लिए एक सीख बन जाती है।