ध्यान एक शुन्य में विरत की अनुभूति
सभुति की एक प्रसिध कथा है। वह वृक्ष के तले शुन्य अवस्था में बैठा हुआ था। अकस्मात उसने चकित होकर देखा की चारों थारफ आकाश से उसके ऊपर फूल बरस रहे थे। देवताओं ने प्रकट होकार कहा की "चकित मत होओ। तुमने हमें शून्यता के ऊपर सबसे बड़ा प्रवचन दिया है। हम सब उसीका उस्तव मन रहे है और तुम्हारे सन्मान में तुम्हारे ऊपर फूल बरसा रहे है।
सभुति ने कहा की मगर मै तो कुछ बोला भी नही। देवताओं ने उत्तर दिया कि " हा यह् सत्य है कि न तुमने कुछ बोला और न ही हमने कुछ सुना -
यही तो है शुन्यता पर दिया गया सबसे बड़ा प्रवचन ................................ ।
परम पूज्य सुधान्शु जी महाराज।
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8/15/2009
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